Akhand Mandalaakaram

गुरु की स्तुति करने के लिए बोले जाने वाला यह मंत्र शंकराचार्य जी के द्वारा रचित है और यह श्लोक गुरु स्त्रोतम का एक भाग है।

अखंड मंडला कारम
व्याप्तं येन चराचरम् |
तत्पदम् दर्शितं येन
तस्मै श्री गुरवे नमः |

Akhand Mandalaakaaram
Vyaaptam Yen Charaacharam
Tatpadam Darshitam Yena
Tasmai Shri Gurave Namaha

Meaning word by word -

अखंड - जिसे विभाजित न किया जा सके , मंडल - गोल, संपूर्ण , आकारं - रूप
व्याप्तं - हर कण में उपस्थित , येन - वो जो , चर - सजीव , अचर - निर्जीव
तत्पदम् - उनके चरण , दर्शितं - देख लिए हैं,
तस्मै - उन, श्रीगुरुवे - गुरु को , नमः - नमस्कार ।

Meaning of whole mantra (पूरे मंत्र का अर्थ)-

भगवान जो अविभाज्य हैं , जिनका रूप संपूर्ण है, जो सजीव और निर्जीव दोनों रूपों में व्याप्त है।
जिसने ऐसे भगवान के चरण देखे हैं , अर्थात जिन्होंने परम के साथ एकता का अनुभव किया है, ऐसे गुरु को प्रणाम है।

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